वसंत पंचमी पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। हाथों में तलवार – गदा, डमरू और शंख । शरीर पर भभूत। आंखों पर काला चश्मा । घोड़े और रथ की सवारी । हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं।
सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम पहुंचे। फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया। अब तक 13 में से 10 अखाड़े स्नान कर चुके हैं। संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर हैं। लोग नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगा रहे हैं। 20 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे हैं। हेलिकॉप्टर से संगम पर 20 क्विंटल फूल बरसाए गए। संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। प्रयागराज जंक्शन से 8 से 10 किमी पैदल चलकर लोग संगम पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को बंद कर दिया गया है। मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं। पुलिसकर्मी सायरन बजाकर भीड़ को हटा रहे हैं। ..
- Vishal Haward