बुकरु मोड़ के समीप हाइवा के चपेट में आने से एक व्यक्ति की घटना स्थल में गई जान
बाइक चालक सेफ्टी व हेलमेट पहने रहने के बावजूद भी नहीं बचा जान
ओसेल कोल ट्रांसपोर्ट व जेआरएल व अन्य कंपनियों की वाहन से राहगीर-ग्रामीण परेशान दवा एमआर का कार्य करता था अश्विनी मिश्रा,घर लौटने समय गई जान
औद्योगिक नगरी टंडवा के चुदरु धाम व टंडवा ब्लॉक मोड से राहम व केरेडारी थाना के बाइपास संडक डाम्बा बागी तक हाइवा की लगी है लंबी कतारें
टंडवा:चतरा। टंडवा सिमान के केरेडारी मुख्य पथ के केरेडारी थाना क्षेत्र के बुकरू मोड़ के समीप दवा एमआर अश्विनी मिश्रा उम्र लगभग 35 वर्ष पिता विभूति नारायण मिश्र ग्राम सायल सौंदा पतरातु निवासी को सोमवार को देर शाम सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। या घटना संध्या के 6:00 बजे नो एंट्री खुलने के बाद चट्टीबारियातु से कोयला लोड कर टंडवा आने के दौरान बुकरु मोड़ समीप कोल वाहन की ब्रेक काम नहीं करने से लुढ़क गई वही पीछे से बाइक चालक आ रहे उसको हाइवा के लुढ़कने से मोटरसाइकिल चालक पीछे की छक्का में आने से दर्दनाक मौत हो गया। जबकि मोटरसाइकिल चालक सेफ्टी के साथ हेलमेट भी पहनने के बाद भी नहीं बच पाया।
नो एंट्री लगना अधिकारियों की सिर्फ खानापूर्ति
नो एंट्री खुलने के बाद हाइवा चालक द्वारा बेधड़क पब्लिक सड़कों में आतंक मचाते हुए आवागमन करते हैं जिससे राहगीर तथा ग्रामीणों के लिए सुरक्षित की दृष्टि कौन से देखा जाए तो राहगीर-ग्रामीण मौत के मुंह से निकाल कर अपने घर परिवार के बीच पहुंचाते हैं।
कोल उत्पादन से एक तरफ देश,राज्य के हित में बड़ा योगदान साबित हो रहा है।
लेक़िन पब्लिक सड़कों से कोल ढुलाई होने से आम ग्रामीण जानताओं की सिर्फ़ दोहन,शोषण,अत्याचार, कोयले की प्रदूषण से बीमार एवं अंतिम में मौत की दफन के बाद समाप्त होते जा रहा है वो परिजनों की लॉलीपॉप मुआवजा राशि देकर व कानून की भय दिखाकर मुंह बंद कर दिया जाता।
दुःखद घटना के बाद विरोध में ग्रामीणों ने उचित मुआवजे को लेकर सड़क जाम कर दिया।इस घटना के संदर्भ में बताया कि एनटीपीसी अधिनस्त चट्टीबरियातु कोल ट्रांसपोर्टिंग कर रहे हाइवा के चपेट में आने से उक्त युवक की मौत हो गयी। दवा एमआर अश्विनी मिश्रा ने टंडवा से देर शाम में दवा बेचकर अपना बाइक से लौट रहा था उसी क्रम में घटना हुई है।घटना सूचना पाते ही पुलिस दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुँचे।तब परिजनों को सूचना दी गई ।परिजनों ने घटना स्थल पर पहुँचकर ट्रासपोटिंग कार्य को ठप कर दिया है। और नौकरी मुआवजा की मांग कर रहे है।
चतरा जिले हो या हजारीबाग जिले में कोल उत्खनन की कार्य जोरो सोरों पर जारी है परंतु पब्लिक की सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवागमन करना मौत के पल से कम नहीं रह गया है।
कोल ढुलाई के लिए जिला प्रशासन व केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के साथ कोल परियोजना कंपनियां अलग से कोल ट्रांसपोर्टिंग के लिए संडके निर्माण तक नहीं करवा पाई है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं की लंबी कतारें लगती जा रही है। जिसके कारण कितने घरों की चिराग बुझ चुकी है एंवम् स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों के साथ हमेशा तू-तू मैं-मैं के साथ घण्टों मशक्कत झेलनी पड़ती है।
- NIHAL SAH