पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले साल भर से असामान्य व्यवहार के कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे। कभी विधानसभा में वे मर्यादा का ख्याल किए बगैर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को तुम से संबोधित करते हैं तो विधान परिषद में उनकी मां राबड़ी देवी के लिए कहते हैं- तोरा कुछो पता है। कभी वे श्रद्धांजलि सभा में ताली बजाने लगते हैं तो कभी नेताओं-अफसरों के पैर छूने लगते हैं। बात-बात में गुस्सा तो उनके स्वभाव में 2020 से ही दिखता रहा है। उनका एक ताजा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे राष्ट्रगान के वक्त अजीबो गरीब हरकत करते नजर आ रहे हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर नीतीश की मानसिक स्थिति पर अक्सर सवाल उठाते हैं। पहले ऐसी बातें राजनीति से प्रेरित लगती थीं, लेकिन ताजा वीडियो देख कर उनके आरोपों की पुष्टि ही होती है।
लालू-तेजस्वी ने राष्ट्रवाद से जोड़ा
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने राष्ट्रगान के वक्त नीतीश की हरकतों को राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है। दोनों ने कहा है कि राष्ट्र का अपमान बिहार बरदाश्त नहीं करेगा। नीतीश कुमार को चुनावी साल में घेरने का विपक्षी नेताओं को बढ़िया मौका मिल गया है। तेजस्वी यादव कहते हैं कि नीतीश कुमार महिलाओं को तो अक्सर युवाओं, छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों को तो अपमानित करते ही रहते हैं, अब वे राष्ट्र के अपमान पर भी उतर आए हैं। यहां तक कि महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर भी नीतीश कुमार ताली बजाने लगते हैं। लालू यादव ने तो इसे राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा- ‘राष्ट्र का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान। बिहार के लोगों से लालू ने पूछा है कि क्या अब भी कुछ बचा है!’
भाजपा भी असहज महसूस कर रही
विपक्ष के हमले पर हमेशा नीतीश कुमार के बचाव में उतरने वाले भाजपा या एनडीए के घटक दलों के नेता भी खामोश हैं। अधिकारी भी सकते में हैं। नीतीश कुमार को जब तेजस्वी थका-हारा और लाचार सीएम कहते हैं तो भाजपा के नेता मुखर हो जाते हैं। वे नीतीश कुमार की सक्रियता के तमाम उदाहरण गिनाते हैं। उनका तर्क होता है कि नीतीश कुमार जब यात्राएं कर सकते हैं, समीक्षा बैठकें कर सकते हैं और विकास कार्यों का मौका मुआयना कर सकते हैं तो वे थके-हारे कैसे हो गए। पर, राष्ट्रगान के वक्त नीतीश कुमार की हरकतों को देख उनके कंठ भी नहीं फूट रहे।
नीतीश से हो रहा भाजपा को नुकसान
भाजपा ने नीतीश कुमार को चुनावी लाभ के लिए अपने साथ बनाए रखने का निर्णय लिया है। उनके ही नतृत्व में चुनाव लड़ने का भाजपा संकल्प दोहरा रही है। भाजपा को लगता है कि नीतीश कुमार के साथ रहने से उसे 15-16 प्रतिशत वोटों का फायदा होगा। पर, नीतीश की स्थिति ऐसी है कि वे लाभ के बजाय भाजपा के लिए कहीं नुकसान का सौदा न साबित हो जाएं। विपक्ष ने जिस तरह नीतीश की हरकतों को सार्वजनिक तौर पर उछालना शुरू किया है, उससे उन्हें मानसिक तौर पर अनफिट साबित करने में उसे आसानी ही होगी। सोशल मीडिया के जमाने में कोई बात छिपी रह जाए, यह मुश्किल है। खासकर, राष्ट्रागान के मुद्दे को आरजेडी ने जिस तरह उछालना शुरू किया है, उससे भाजपा की राष्ट्रवादी छवि को भी नुकसान हो सकता है।
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Nitish's actions will tarnish BJP's nationalism! Lalu-Tejashwi have made it an issue.
- श्रवण राज