हुसैनाबाद पलामू
हुसैनाबाद (मेदिनीनगर)पलामू झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कूमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर के पटेल नगर स्थित आवास पर प्रेस बयान जारी कर कहा है कि नावाबाजार थाना प्रभारी समेत अन्य थानों की पुलिस द्वारा बर्बरतम पीटाई से इलाजरत अवस्था में महफूज अहमद की मौत के लिए थाना प्रभारी से ज्यादा आरक्षी अधीक्षक जिम्मेदार है।
जारी बयान में उन्होंने कहा है कि सबको पता है कि पलामू के आरक्षी अधीक्षक रिष्मा रमेशन के नेतृत्व में पाटन,पाण्डू,छत्तरपुर,नावाबाजार समेत विभिन्न थाना प्रभारियों व पुलिसकर्मियों ने उनके पदस्थापना काल से सगुना,कुटमू, कजरुकला,गहरपथरा समेत कई स्थानों पर दलित महिलाओं की बर्बरतम पिटाई के साथ मानवाधिकारों के उल्लंघन के सारे रिकार्ड तोड़ डाले थे।प्रतिमाह निर्धारित अवैध वसूली के दबाव में विभिन्न थानों की पुलिस अवैध बालू परिवहन से लेकर सारे अवैध कार्यों को संचालित कराती रही है।ऐसे में थर्ड डिग्री ट्रिटमेंट से लेकर संदीग्ध एनकाउंंटर तक पलामू पुलिस की भ्रष्ट कार्यशैली संदेह के घेरे में है।
बयान में झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष व विपक्ष से पुछा है कि आखिर क्यों चुन-चुनकर गुण्डा गिरोहों व अपराधियों के नाम पर दलित/आदिवासी/पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को ही निशाना बनाया जाता है?क्यों हेमन्त सरकार की पुलिस दबंग सामंती अपराधियों,गुण्डा गिरोहों व माफियाओं के साथ अमानुषिक अत्याचार व फर्जी मुठभेड़ करने से डरती रही है?क्या अपराधियों की कोई जाति होती है?