दुमका झारखंड
भारतीय पौधा किस्म और कृषक प्राधिकरण नई दिल्ली एवं कृषि विज्ञानं केंद्र दुमका द्वारा पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण पर एक दिवसीय प्रसिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन दुमका कन्वेंशन सेंटर में किया गया। जिसमे करीब 300 किसान एवं 60 विभागीय पदाधिकारी ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त अंजानेयुलु दोड्डे द्वारा की गई। कार्यकम में 350 किसानों ने देशज किस्मो का पंजीकरण कराया। उपायुक्त अंजानेयुलु दोड्डे ने किसानों द्वारा लाए गए देशज प्रदर्श की सहारना की।कहा कि दुमका जैव विविधता के मामले में धनी है इसे पहचान दिलाने की जरूरत है।उन्होंने जिले में किसानों द्वारा किए जा रहे लाल चावल के देशज किस्म का की सहारना की और कृषि विज्ञान केंद्र के इस दिशा में किए जा रहे है कार्य के लिए प्रशंसा की।उन्होंने सभी विभागों को इस दिशा में पहल करने को कहा है।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार एच सी सिंह ने कृषक अधिकार अधिनियम 2001 की तकनीकी व्याख्या की। उन्होंने अधिनियम 2001 को सरल शब्दों में किसान को समझाया एवं कहा कि किसानों की पहचान के लिए प्राधिकरण हर समय उनके साथ खड़ा है जो उनके देशज किस्मों को न सिर्फ पहचान दिलाता है बल्कि पारितोषित भी दिलवाता है।कहा कि अबतक पंजीकृत फसलों एवं किस्मों में सबसे ज्यादा योगदान झारखंड का है।निश्चित ही यह कार्यक्रम उनके इस योगदान को और भी आगे बढ़ाएगा।
इस अवसर पर डॉ किरण सिंह ने कहा कि दुमका देशज फसलों एवं किस्मों का हॉटस्पॉट है। जहां जैव विविधता भरी पड़ी है।खासकर उद्यान एवं फलों से संबंधित जैव विविधता गांव में बेहतर ढंग से संयोजित हुआ है। जिसमें ग्रामीण महिलाओं का योगदान बहुत ज्यादा है।कृषि विज्ञान केंद्र लगातार देशज किस्मों को प्रकाशित करने की कोशिश कर रहा है ताकि किसानों को उनके इस योगदान का लाभ मिल सके साथ ही आने वाले पीढ़ी भी इससे फायदा उठाएंगे। इस अवसर पर मंच संचालन श्रीमती किरण मैरी कंडीर ने किया।
- NIHAL SHAH