साहिबगंज
चैत्र नवरात्र के पांचवे दिन मां कात्यायनी की पूजा विधिवत की गई। शहर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में वैदिक मंत्रों के साथ पूजा और दुर्गा पाठ किया गया। शाम को बेलभरनी निमंत्रण पूजन किया जाएगा।मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है और वह सभी तरह के भय से मुक्त हो जाते हैं। मां कात्यायनी की भक्ति से मनुष्य को अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है।
मां कात्यायनी की पूजन विधि में सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा की जाती है, फिर माता के परिवार में शामिल देवी देवता की पूजा की जाती है, जो देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विरजामन हैं। इसके बाद देवी कात्यायनी जी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे कि “चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।” और “या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। इस अवसर पर शहर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में भक्तों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मां कात्यायनी की पूजा की। मंदिरों में विशेष पूजा और आरती की व्यवस्था की गई थी। भक्तों ने मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए विशेष तैयारी की थी। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। भक्तों ने मां कात्यायनी की पूजा करने के बाद प्रसाद के रूप में विशेष भोजन का सेवन किया। इस अवसर पर शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी मां कात्यायनी की पूजा की। इन संगठनों ने मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए।
- NIHAL SHAH