देश में 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में कारों की बिक्री इसके पिछले वित्त वर्ष के 15 लाख 48 हजार 947 इकाई के मुकाबले 12.6 प्रतिशत घटकर 13 लाख 53 हजार 287 इकाई पर आ गई। अंदेशा ये जताया जा रहा है कि ऐसा ईवी वाहनों के आने से हो रहा है। भारतीय बाजार में ईवी वाहनो की मांग तेजी पकड़ने लागि है और ग्राहक पेट्रोल और डीजल वाहनों और ईवी के बीच असमंजस की ऊहापोह से गुजर रहे हैं नतीजतन कारों और दोपहियों की बिक्री गिर रही है।
ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम के अध्यक्ष शैलेष चंद्र ने मंगलवार को आंकड़े जारी कर बताया कि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में देश में 13,53,287 कारों की बिक्री हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 की 15,48,947 कारों से 12.6 प्रतिशत कम है। हालांकि इस अवधि में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 25,20,691 इकाई से 11 प्रतिशत बढ़कर 27,97,229 इकाई तथा वैन की बिक्री 1,49,112 इकाई से 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 1,51,332 इकाई पर पहुंच गई। इस तरह कुल यात्री वाहनों की बिक्री में दो प्रतिशत की बढ़त रही और यह 42,18,750 इकाई से बढ़कर 43,01,848 इकाई हो गई।
आलोच्य अवधि में मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 3,74,012 से 0.1 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 3,73,819 इकाई तथा हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 5,94,758 से दो प्रतिशत घटकर 5,82,852 इकाई पर आ गई। इस तरह इस अवधि में वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 9,68,770 इकाई से 1.2 प्रतिशत गिरकर 9,56,671 इकाई रह गई।
वहीं, इस अवधि में दुपहिया वाहनों की कुल बिक्री में 9.1 प्रतिशत की तेजी रही और यह एक करोड़ 79 लाख 74 हजार 365 इकाई से बढ़कर एक करोड़ 96 लाख सात हजार 332 पर पहुंच गई। इस दौरान मोटरसाइकिल की बिक्री एक करोड़ 16 लाख 53 हजार 237 से 5.1 प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ 22 लाख 52 हजार 305 इकाई, स्कूटर की 58 लाख 39 हजार 325 17.4 प्रतिशत बढ़कर 68 लाख 53 हजार 214 इकाई तथा मोपेड की बिक्री चार लाख 81 हजार 803 से 4.2 प्रतिशत बढ़कर पांच लाख एक हजार 813 इकाई हो गई।
इसी तरह तिपहिया वाहनों की कुल बिक्री में भी 6.7 प्रतिशत की बढ़त रही और यह छह लाख 94 हजार 801 से बढ़कर सात लाख 41 हजार 420 इकाई पर पहुंच गई। इस अवधि में तिपहिया यात्री वाहनों की बिक्री 5,48,090 से 9.8 प्रतिशत बढ़कर 6,01,642 इकाई, तिपहिया मालवाहक वाहनों की 1,11,519 से 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 1,17,156 इकाई और ई.कार्ट की 3,902 से 6.3 प्रतिशत बढ़कर 4,148 इकाई हो गई। वहीं, ई.रिक्शा की बिक्री 31,290 से 41 प्रतिशत घटकर 18,474 इकाई रह गई। इस तरह आलोच्य वित्त वर्ष में सभी श्रेणी के वाहनों की कुल बिक्री दो करोड़ 38 लाख 57 हजार 411 इकाई के मुकाबले 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर दो करोड़ 56 लाख सात हजार 391 इकाई पर पहुंच गई।
सियाम के आंकड़ाें के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 7,70,364 यात्री वाहनों का निर्यात किया गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 6,72,105 इकाई के मुकाबले 14.6 प्रतिशत अधिक है इस अवधि में वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 65,818 से 23 प्रतिशत बढ़कर 80,986, दुपहिया वाहनों का निर्यात 34,58,416 से 21.4 प्रतिशत की बढ़त लेकर 41,98,403 और तिपहिया वाहनों का निर्यात 2,99,977 से 2.3 प्रतिशत बढ़कर 3,06,914 इकाई पर पहुंच गया। इस दौरान सभी श्रेणी के वाहनों का कुल निर्यात 45,00,494 से 19.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 53,63,089 इकाई हो गया।
सियाम ने बताया कि मार्च 2025 में घरेलू बाजार में 1,07,238 कारों की बिक्री हुई और यह मार्च 2024 के 1,11,545 के मुकाबले 3.9 प्रतिशत कम है। इसी तरह वैन की बिक्री 12,019 से 13.4 प्रतिशत गिरकर 10,409 रह गई वहीं यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 1,94,416 से 9.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 2,12,095 इकाई पर पहुंच गई। इस तरह इस अवधि में यात्री वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 3,17,980 से 3.7 प्रतिशत बढ़कर 3,29,742 इकाई हो गई। इस दौरान यात्री वाहनों के कुल निर्यात में 24.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 61,950 से बढ़कर 77,176 हो गई।
आलोच्य अवधि में दुपहिया वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 14,87,579 के मुकाबले 11.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 16,56,939 इकाई हो गई। इसमें स्कूटर की बिक्री 4,66,612 से 25.7 प्रतिशत उछलकर 5,86,485 और मोटरसाइकिल की 9,80,100 से 5.6 प्रतिशत बढ़कर 10,35,273 इकाई हो गई। वहीं, मोपेड की बिक्री 40,867 से 13.9 प्रतिशत लुढ़ककर 35,181 रह गई। इस तरह दुपहिया वाहनों की कुल निर्यात 3,27,117 से 11.5 प्रतिशत बढ़कर 3,64,812 इकाई पर पहुंच गया।
इस दौरान तिपहिया वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 56,852 से 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 62,813 तथा निर्यात 24,281 से 19.1 प्रतिशत बढ़कर 28,908 पर पहुंच गया। इसी तरह सभी श्रेणी के वाहनों की कुल बिक्री 18,62,442 से 10 प्रतिशत की बढ़त लेकर 20,49,494 और कुल निर्यात 4,13,990 के मुकाबलग 13.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,71,076 इकाई हो गया।
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी या अंतिम तिमाही में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री और निर्यात को भी क्रमश: 4.5 प्रतिशत और 13.4 प्रतिशत का झटका लगा। बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही के 3,94,553 से कम होकर 3,76,772 और निर्यात 99,298 से घटकर 86,029 पर आ गया। हालांकि इस अवधि में यात्री वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 11,35,505 से 2.4 प्रतिशत बढ़कर 11,62,560 और निर्यात 1,65,888 से 15.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 1,92,276 इकाई हो गया।
आलोच्य अवधि में वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 2,68,920 से 1.5 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 2,72,990 और निर्यात 15,040 से 56.3 प्रतिशत उछलकर 23,515 इकाई पर पहुंच गया। इस दौरान दुपहिया वाहनों की कुल बिक्री 45,03,523 से 1.4 प्रतिशत बढ़कर 45,67,762 और कुल निर्यात 9,15,507 से 24.2 प्रतिशत की छलांग लगाकर 11,36,748 इकाई हो गया। तिपहिया वाहनों की कुल घरेलू बिक्री भी 1,66,018 से 7.7 प्रतिशत चढ़कर 1,78,768 और कुल निर्यात 70,112 से 12.4 प्रतिशत बढ़कर 78,791 इकाई पर पहुंच गया। इस तरह इस अवधि में सभी श्रेणी के वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 60,74,066 से 1.8 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 61,82,084 और कुल निर्यात 11,68,017 से 22.6 प्रतिशत उछलकर 14,32,296 इकाई हो गया।
सियाम के अध्यक्ष शैलेष चंद्र ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यात्री और तिपहिया वाहनों की बिक्री अब तक के उच्चतम स्तर पर रही, हालांकि उच्च आधार प्रभाव के कारण इनकी वृद्धि दर सीमित रही। दूसरी ओर, दोपहिया वाहनों ने 9.1 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जो ग्रामीण मांग और उपभोक्ता विश्वास में सुधार को दर्शाता है।”
सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने बताया कि निर्यात के मोर्चे पर भी सभी श्रेणियों में अच्छा प्रदर्शन रहा, खासकर यात्री और दोपहिया वाहनों में, जो वैश्विक मांग और भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम ई-ड्राइव और पीएम ई-सेवा योजनाएं भारत में हरित और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर सुधार, भारतीय रिजर्व बेंक की नीतिगत दरों में कटौती और स्थिर नीतिगत माहौल से उपभोक्ता विश्वास को और बल मिलेगा, जिससे आगामी वर्षों में भी ऑटो उद्योग की वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
- Nishchaya