न्याय, शिक्षा और नेतृत्व: दलित सशक्तिकरण का भविष्य

मानव सभ्यता के अस्तित्व का आधार संवेदना है। यदि संवेदना मनुष्य के भीतर से समाप्त हो जाए, तो समाज की संरचना विकृत हो जाएगी। वर्तमान में सामाजिक असमानता और आर्थिक शोषण चरम पर हैं, और दलित समुदाय इसका सबसे बड़ा शिकार बन रहा है। उनके पास सीमित संसाधन हैं, और जो थोड़े-बहुत हैं, वे भी…

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